Subject : Question Paper Design 2025 Published by Board of School Examination and Evaluation Bangalore on SSLC Third Language Hindi Subject....
आप के लिए ........
छात्र जीवन में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा का स्तर अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, जो उच्च शिक्षा के लिए आधार है। प्रत्येक छात्र के दस वर्षीय औपचारिक शिक्षा के उपरांत निर्धारित किए गए शिक्षा संबंधी उद्देश्यों की प्राप्ति किस सीमा तक हुई है? कक्षा में प्रदत्त अधिगम के अनुभव कितने प्रभावी रहे हैं ? बालकों की क्षमताओं, योग्यताओं, अभिरुचि और अभिवृत्तियों में क्या परिवर्तन हुए हैं? इसकी जाँच एक व्यवस्थित मूल्यांकन प्रक्रिया के अंतर्गत आकलन किया जाता है।
आज शिक्षा के क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे है। विज्ञान एवं तकनीक के प्रयोग से अधिगम प्रक्रिया में नवीन परिवेश का निर्माण हुआ है। छात्रों के तार्किक चिंतन में भी उन्नति हुई है। इसलिए परीक्षा की प्रक्रिया में नवीनता का लाना अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019' भी इसी का प्रतिपादन करती है।
कर्नाटक माध्यमिक शिक्षा परीक्षा मंडल ने सार्वजनिक शिक्षा विभाग के आयुक्त महोदय के मार्गदर्शन में ए.पी.एफ. संस्था की सलाह और सुझाव को लेकर सभी विषय के राज्यस्तरीय संसाधकों ने मिलकर निस्रांकित विचारों पर गहन चिंतन किया है -
• प्रश्न पत्र के स्तर को बढाना ।
• छात्रों के लेखन कौशल में वृद्धि करना।
• छात्रों की आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना ।
• शिक्षकों के अध्ययन और अध्यापन कार्य में प्रगति लाना।
• छात्रों में सहज अधिगम प्रक्रिया को बढ़ावा देना ।
• कंठस्थ करने की पध्दति पर रोक लगाना ।
इन विचारों को दृष्टि में रखकर निम्नांकित बदलाव लाने की ओर कर्नाटक माध्यमिक शिक्षा परीक्षा मंडल अग्रसर हुआ है-
• वस्तुनिष्ठ और अति लघूत्तर प्रश्नों की संख्या 20 प्रतिशत हों।
• लघूत्तर (दो अंकवाले) प्रश्नों की संख्या 8 (आठ) हों।
• ऊपर्युक्त दोनों प्रकार के प्रश्नों के अंक 40 प्रतिशत से अधिक न हों।
• लघूत्तर (तीन अंकवाले), दीर्घोत्तर और निबंधात्मक प्रश्नों की संख्या अधिक हों।
• प्रत्येक इकाई संबंधी (चैप्टरवाइज वेटेज) अंक विभाजन नहीं होगा।
• विषय आधारित (थीम बेस्ड) अंक विभाजन होगा।
• पाठ्य पुस्तक के सभी इकाईयों पर प्रश्न हों।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न केवल दो प्रकार के होंगें -
1. बहुविकल्पीय
2. अनुरूपता
• बहुविकल्पीय प्रश्न तैयार करने में बड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मूल वाक्य लंबा न हो। उनमें कोई भी विसंगति न हो। विकल्पों में से एक सही उत्तर हो और तीन विकर्षक हों।
• व्याकरण संबंधी बहुविकल्पीय प्रश्न इन अंशों पर आधारित हों-
लिंग
वचन
पहला- प्रेरक
विलोम शब्द
संधि
समास
कारक
विराम चिह्न पहचानना
मुहावरे
वैकल्पिक शब्द
• लघु एवं दीर्घ प्रश्नों की भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चाहिए।
• दीर्घोत्तर प्रश्नों के लिए विकल्प दिए जा सकते हैं। सामान्यतः दो विकल्प निबंध लेखन और पत्र लेखन के लिए होंगें। अन्य दो प्रात्रिक तय कर सकते हैं। आंतरिक विकल्प मात्रा हों।
अपठित गद्यांश छात्रों के स्तरानुकूल हों।
विषय-वस्तु के क्षेत्र की दृष्टि से अंकभार वेइटज तो कंटेंट डोमेन:
विषय-वस्तु
पाठ / पद्म का नाम
अंक
को PERCENTAGE
1.
कश्मीरी सेब
2. गिल्लू
3. मेरा बचपन
4. बसंत की सच्चाई
5. इंटरनेट-क्रांति
गद्य
6. ईमानदारों के सम्मेलन में
32
40%
7.
दुनिया में पहला मकान
8.
रोबोट
9.
महिला की साहस गाथा
10.
कर्नाटक संपदा
11. बाल-शक्ति
1. मातृभूमि
2. अभिनव मनुष्य
3.
तुलसी के दोहे
पद्य
20
25%
4.
समय की पहचान
5. सूर-शाम
6. कोशिश करनेवालों की....
1.
शनि : सबसे सुंदर ग्रह
पूरक वाचन
2.
सत्य की महिमा
04
5%
3.
नागरिक के कर्तव्य
लिंग, क्रिया, विलोम, प्रथम प्रेरक रूप, संयोजक, यौगिक, विशेषण, मुहावरे, विराम चिह्न, एक शब्द, कहावतें, काल।
व्याकरण
80
10%
अपठित गद्यांश, अनुवाद, पत्र लेखन, निबंध रचना
संरचना
16
20%
कुल
80
100%
ಎಲ್ಲ SSLC ವಿದ್ಯಾರ್ಥಿಗಳಿಗೆ ಶೇರ್ ಮಾಡಿ ತಪ್ಪದೆ 🙏🙏

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